ग्राम बरहा में चल रही भागवत कथा सुनकर भाओ बिभोर हुए, श्रद्धालु

लहार।लहार अनुभाग के ग्राम बरहा में चल रही कथा मे पूज्य कथा वाचक  कुंजबिहारी शास्त्री जी महाराज ने भगवान के बालचरित्र की कथा सुनाई ,भगवान के जन्म के उपरांत पूरा पंडाल जगमगा उठा और नंद के आनँद भयो जय कन्हैया लाल की गूँज से पंडाल गूँज उठा महाराज श्री के द्वारा सुंदर भजन गायन के द्वारा भगवान के जन्मोत्सव के आनँद को आनंदित कर दिया ॥
वही  भगवताचार्य पूज्य कुंजबिहारी शास्त्री जी  महाराज ने कहा की माता पिता की सेवा सबसे बढ़ा पुण्य होता है उन्होने कहा माता पिता संसार मे प्रत्यक्ष देवता है इनकी सेवा ही सबसे बढ़ा भजन है आप भजन न करे ,मंदिर न जाये ,कथा न सुने चलेगा पर यदि आप अपने माता पिता की सेवा नही करते है तो नही चलेगा ,जो व्यक्ति अपने मातापिता को कष्ट देता है वो जीवन मे कभी सुखी नही रेह सकता ,माता पिता की आँखो से जीवन मे सिर्फ दो ही वार आँसू निकलते है

 एक जब बेटी घर छोड़कर जाती है तब और दूसरा जब बेटा मुख मोड़ता है तब ,भगवान राम ने भी कहा है की वही पुत्र भाग्यवान होता है जो माता पिता के वचनों को मानता है ऐसे व्यक्ति की मुट्ठी मे पुण्य के चारो पदार्थ होते है अर्थ ,धर्म ,काम ,मोक्ष ,जिनको माता पिता के लिये बेटा प्राणों से प्रिये होता  है , बेटे के लिय कितने  भी कष्ट सहन करते  है कितनी भी सर्दी पड़ रही हो बालक यदि बिस्तर पर पिसाब कर लेता है तो माँ उसे सूखे मे लेटाकर खुद रात भर गीले मे लेटी रेहती है एक माता के कितने भी बच्चे हो उनका पालन पोषण करने मे उसे कभी कोई कष्ट नही होता है पर विडंबना तो ये है की जब वह बूँडे हो जाते है तब 10 पुत्र भी मिलकर अपने माता पिता को सुखी नही रख पाते यह व्याख्यान उन्होने भागवत कथा के दौरान कहे
 
इस मौके पर कथा के पारीक्षत श्री मुन्नालाल उपाध्याय एवम श्री अंजनी उपाध्याय ने  क्षेत्र के लोगो से ज्यादा से ज्यादा कथा अम्रत पान करने का निवेदन किया है उन्होंने कहा भागवत कथा अमृतपान कर अपने जीवन को सफल बनायें ।

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