आयुर्वेदिक डॉक्टर अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर बैठे हड़ताल पर
 ग्वालियर। पीड़ित आयुर्वेद छात्रों के द्वारा पंचसूत्रीय मांगो को लेकर विगत डेढ़ से दो साल में 86 बार ज्ञापन देने के पश्चात्, सरकार को 14 दिन पूर्व सूचना देकर 3 दिन ध्यान आकर्षण कार्यक्रम में महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान, पुष्प वितरण एवं दीप प्रज्जवलित करने के बाद भी शासन की तरफ से सकारात्मक रवैया नहीं दिखा, तत्पश्चात आयुर्वेद जूडा चिकित्सको को शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा। जिसमे शंखनाद के साथ हड़ताल के प्रथम दिन का आरम्भ किया गया, द्वितीय दिन हस्ताक्षर अभियान चलाया गया,  तीसरे दिन शासन कि बुद्धि जागरण करने के उद्देश्य से सद्बुद्धि यज्ञ किया गया।परन्तु सरकार की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण आज आयुर्वेदिक संहिताओं  का पठन पाठन किया गया फिर भी सरकार तथा आयुष विभाग द्वारा कोई संपर्क नहीं किया गया। सरकार तथा आयुष विभाग के इस रवैये के कारण आयुर्वेद जूडा हताश है तथा इस हड़ताल को अब उग्र रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। 
हमारी पंचसूत्रिय मांगे इस प्रकार हैं - 
1) प्रतिवर्ष नवीन पदो का सृजन तथा NRHM एवं RBSK संविदा कर्मी को असंवैधानिक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रदत्त 15% (67.5 अंक) बोनस को हटाया जाए। 
2)आयुर्वेद चिकित्सको को समान शिष्यावृत्ति ( आधुनिक चिकित्सा पद्धति के समान) एवं उपभोक्ता मूल्य सूचांक (CPI) से जोड़ा जाए।
3) स्वतंत्र आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना।
4) जनसंकल्प 2013 के अनुसार सभी कार्य पूर्ण किए जाए।
5) आयुष चिकित्सको को आपातकालीन चिकित्सा का अधिकार दे।
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