सेवड़ा पुलिस आखिर क्यों नहीं कर रही है अपहरण का मामला दर्ज ?

सेवड़ा पुलिस आखिर क्यों नहीं कर रही है अपहरण का मामला दर्ज ?


 


मामला- 5 अगस्त को अपहरण किए गए शिरोवन कुशवाह का


 


 परिजनों ने व्यक्त की हत्या की आशंका


 


              शिव सिंह कुशवाह


                 चंबल आचरण  



दतिया/ सेवड़ा 12 सितंबर 20l प्रदेश सरकार इस समय दावे कर रही है कि हमारी सरकार में अपराध के आंकड़े बहुत कम हुए हैं लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री के गृह जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली से महिला आवेदक गौरी बाई परेशान है 1 माह पूर्व अपहरण हुए शिरोवन कुशवाह के संदर्भ में पुलिस ने अपनी मनमर्जी से गुमशुदगी का मामला दर्ज किया है जबकि अपहरण किए गए शिरोवन कुशवाह की पत्नी जो कि एक चश्मदीद गवाह भी है इनके अलावा एक और व्यक्ति है रामू कुशवाह (परिवर्तित नाम) चश्मदीद गवाह है जिनके सामने खुद अपहरण करता अपहरण करके ले गए बोलेरो गाड़ी से इसके उपरांत भी सेवड़ा पुलिस अपहरण का मामला दर्ज न करते हुए गुमशुदगी का मामला दर्ज किया है जबकि फरियादीका गौरीबाई के द्वारा 5 अगस्त को ही थाने पहुंचकर शिकायत की गई थी पर उन्हें डरा धमका कर पुलिस द्वारा भगा दिया गया थाl कुछ सूत्रों द्वारा पता चला है कि फरियादका द्वारा जो आवेदन एसपी महोदय दतिया एवं आई जी महोदय चंबल रेंज को दिए गए हैं आवेदनों में गौरी बाई द्वारा जिन लोगों के नामों का हवाला दिया गया है वह लोग दबंग है एवं उन लोगों की राजनीतिक पकड़ काफी मजबूत है इसलिए यह भी कहा जा सकता है कि राजनीतिक पकड़ मजबूत होने के कारण पुलिस जानबूझकर गौरी बाई को डरा धमका रही है वही गौरी बाई ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है की यदि हमारे पति के साथ कोई अनहोनी घटना घट गई हो तो इसकी पूरी जिम्मेदारी व जिम्मेदार पुलिस विभाग दतिया होगा क्योंकि हमारे द्वारा बार-बार फरियाद करने के उपरांत भी पुलिस ने अपहरण के मामले को गुमशुदगी में दर्ज किया, पर अपहरण का केस दर्ज नहीं किया एवं आज दिनांक तक हमारे पति शिरोवन कुशवाह का कोई अता पता नहीं है अब यहां पर सवाल यह उठ रहा है कि 1 माह पूर्व हुए गुम /अपहरण शिरोवन कुशवाह के संदर्भ में पुलिस अपहरण का केस दर्ज क्यों नहीं कर रही है आखिर क्या कारण है राजनीतिक दबाव या फिर और कुछ ? फरियादी गोरी बाई के द्वारा पुलिस प्रशासन दतिया के अलावा एसडीएम सेवड़ा के समक्ष भी न्याय के लिए गुहार लगाई गई