राष्ट्रकवि हमारे लिए प्रेरणादायी


राष्ट्रकवि हमारे लिए प्रेरणादायी


 नगर लहार में राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त जी* की पुण्यतिथि पर पार्क में श्रधांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में बोलते हुए युवा वाहिनी प्रमुख *संजीव नायक एडवोकेट* ने उनके जीवन परिचय बताते हुए कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म ३ अगस्त १८८६ में पिता सेठ रामचरण कनकने और माता काशी बाई की तीसरी संतान के रूप में उत्तर प्रदेश में झांसी के पास चिरगांव में हुआ। माता और पिता दोनों ही वैष्णव थे। विद्यालय में खेलकूद में अधिक ध्यान देने के कारण पढ़ाई अधूरी ही रह गयी। रामस्वरूप शास्त्री, दुर्गादत्त पंत, आदि ने उन्हें विद्यालय में पढ़ाया। घर में ही हिन्दी, बंगला, संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया। मुंशी अजमेरी जी ने उनका मार्गदर्शन किया। १२ वर्ष की अवस्था में ब्रजभाषा में कनकलता नाम से कविता रचना आरम्भ किया। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के सम्पर्क में भी आये। उनकी कवितायें खड़ी बोली में मासिक "सरस्वती" में प्रकाशित होना प्रारम्भ हो गई। संजीव नायक ने बताया कि आज ही के दिन राष्ट्रकवि वैकुंठवासी हो गए थे।
कार्यक्रम में बोलते हुए *समाजसेवी हरिबाबू गुप्ता  जी*  ने कहा कि युवाओ को राष्ट्रकवि के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए, हम सभी को उनकी रचनाओं को पढ़ना चहिए।
कार्यक्रम में बोलते हुए *समाज सेवी शहीद हुसैन जी* ने कहा कि हम  महापुरुषो से सदैव सीखते रहेंगे, ऐसे कार्यक्रमो से युवाओ को महापुरुषो के विषय में जानकारी मिलती है  कार्यक्रम को *आशाराम लहरिया जी,सुरेश चन्द्र दुवे जी सतीश शास्त्री जी प्रियांशू महते* ने भी सम्वोधित किया।
कार्यक्रम में धर्मेन्द्र परिहार,वीरपाल सिंह,देवेंद्र सिंह विनोद पाखरिया, ,शिवम तिवारी,अतीस गुप्ता,रोहित गुप्ता नीलेश दिक्छित, सुनील गुप्ता, राहुल सिंह,बसन्त माफिदार,संजू नोरोजी, नीलेश सिंह अंकित कुशवाह,अजय शिवहरे योगेंद सिंह, अरविन्द गौर, मृदुल मिश्रा सर विशाल दिक्छित, विकास राठौर,लोकेंद्र शाक्य, पुष्पेंद्र कुशवाह,जितेंद सिंह, अमर् सिंह,अक्छय शर्मा सहित कई युवा उपस्थित थे।