महाराजपुरा पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए पत्रकारों की सत्यता क्या है?


महाराजपुरा पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए पत्रकारों की सत्यता क्या है?


 


 ग्वालियर 17 दिसंबर। ग्वालियर की महाराजपुरा पुलिस द्वारा नवंबर माह में कुछ लोगों के द्वारा ब्लैक मेलिंग किए जाने के संदर्भ में दिनांक 12/ 11/19 को एक एफ आई आर दर्ज की गई थी। जिसमें पुलिस द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ब्लैक मेलिंग किस बात के लिए की जा रही थी। क्योंकि दिनांक 10/ 12/ 19 को आरोपी बनाए गए भगवंत बसंत द्वारा एक प्रेस वार्ता की गई जिसमें भगवंत बसंत द्वारा अपने निर्दोष एवं पत्रकार होने के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। जिसमें कहा गया की पुलिस के द्वारा मुझे छोड़ देने के एवज में मुझसे हवाला के जरिए ₹20 लाख लिए गए। जिस पर पत्रकार वार्ता में उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने पूछा कि हवाला कारोबारी कौन लोग हैं तो पत्रकारों के इस प्रश्न का जवाब बसंत द्वारा नहीं दिया गया। वही भगवंत बसंत ने बताया कि हम एक चिटफंड कंपनी के संचालक का वर्जन लेने आए थे जो फर्जी तरीके से कारोबार कर रही है। अब सवाल यह उठता है कि किसी संस्था को फर्जी कह देने मात्र से फर्जी नहीं मानी जा सकती है उसके लिए दस्तावेज/ बॉन्ड आदि प्रस्तुत करने होते हैं। जिसमें यह साबित हो सके कि संबंधित संस्था फर्जी है। पर बसंत द्वारा ऐसा एक भी बॉन्ड या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह साबित होता हो। कि संबंधित संस्था फर्जी है। और ना ही यह प्रस्तुत किया गया कि जिस संस्था के यह पत्रकार हैं उस संस्था का आर एन आई नंबर क्या है क्योंकि हमारी जानकारी के अनुसार जनसंपर्क विभाग न्यूज़ पोर्टल या न्यूज़ वेबसाइट को पत्रकारिता की श्रेणी में नहीं मानता है। अब यह तो माननीय न्यायालय में ही साबित होगा कि कौन सही है और कौन गलत है